पटना: राहुल गांधी के सदाकत आश्रम पहुंचते ही हुआ भारी बवाल, कांग्रेस नेता और समर्थक हुए मारपीट का शिकार

Patna: As soon as Rahul Gandhi reached Sadakat Ashram, there was a huge uproar, Congress leaders and supporters were beaten up

पटना: सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जैसे ही पटना स्थित सदाकत आश्रम पहुंचे, वहां भारी बवाल हो गया। इस दौरान जमकर मारपीट हुई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। पूर्व विधायक टून्ना और उनके समर्थकों ने पकड़ी दयाल पंचायत समिति के सदस्य रविरंजन की बुरी तरह से पिटाई कर दी। इसके अलावा, भोजपुर जिले के रामबाबू यादव भी वक्फ बिल के समर्थन में राहुल गांधी से मुलाकात करने आए थे, लेकिन उनके साथ भी बदसलुकी की गई।

पकड़ी दयाल पंचायत समिति सदस्य की पिटाई
कांग्रेस नेता और पंचायत समिति सदस्य रविरंजन ने बताया कि वह अखिलेश प्रसाद सिंह के पीछे-पीछे जा रहे थे, तभी पूर्व विधायक टून्ना और उनके समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया। रविरंजन ने आरोप लगाया कि पूर्व विधायक टून्ना भाजपा का दलाल है और उसने उन्हें केवल इसलिए मारा क्योंकि वह भूमिहार हैं, जबकि टून्ना राजपूत हैं। उन्होंने कहा, “मैं साहब अखिलेश प्रसाद सिंह के पीछे-पीछे चल रहा था, तब मेरी बुरी तरह पिटाई की गई। यह काम पूर्व विधायक टून्ना और उसके समर्थकों ने किया।”

रामबाबू यादव के साथ बदसलुकी
वहीं, भोजपुर जिले के रामबाबू यादव ने आरोप लगाया कि वह वक्फ बिल के समर्थन में राहुल गांधी से मिलने आए थे, लेकिन कांग्रेस नेताओं और उनके समर्थकों ने उनका पोस्टर फाड़ दिया और उनके साथ बदसलुकी की। रामबाबू यादव ने कहा, “हम राहुल गांधी से वक्फ बिल का समर्थन करने की अपील करने आए थे, क्योंकि यह मुसलमानों के हित में है। लेकिन कांग्रेस के कुछ नेताओं और समर्थकों ने हमारे पोस्टर को फाड़ दिया और हमारे साथ गाली-गलौज की।”

रामबाबू ने यह भी बताया कि वह वही व्यक्ति हैं जिन्होंने पप्पू यादव को फोन पर धमकी दी थी। उन्होंने कहा, “हम राहुल गांधी से अपील करते हैं कि वे इस बिल का समर्थन करें, क्योंकि यह मुस्लिम समुदाय के लिए फायदेमंद होगा।”

कांग्रेस नेताओं और समर्थकों पर आरोप
यह घटनाक्रम सदाकत आश्रम में उस समय हुआ जब राहुल गांधी वहां पहुंचे थे और उनका समर्थन करने आए लोग अपनी अलग-अलग मांगों के साथ मौजूद थे। घटनास्थल पर तनाव बढ़ने के बाद पुलिस ने स्थिति को काबू करने की कोशिश की, लेकिन इस बीच झगड़े और विवाद का सिलसिला जारी रहा।

इस बवाल ने कांग्रेस पार्टी के भीतर चल रही राजनीतिक गतिविधियों को भी एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है, और अब पार्टी के नेताओं की ओर से इस पर प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।

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